तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री फ़हरेटिन कोका कोरोनावायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए तुर्की द्वारा उठाए गए क़दमों के बारे में कल रात तक लम्बी लम्बी डींगें मार रहे थे। लेकिन बुधवार को स्थानीय समयानुसार लगभग रात को 1 बजे, कोका ने देश में पहले कोरोनावायरस मामले की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने रोगी के बारे में विशेषकर यह कि वह किस इलाक़े से है, इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने दावा किया कि इस जानकारी को सार्वजनिक करने से रोगी की गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
तुर्की ने हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग, ईरान के साथ अपनी सीमा को बंद करने और चीन, ईरान, इटली और दक्षिण कोरिया से हवाई यात्रा को बंद करने समेत कुछ गंभीर शुरुआती सावधानियां बरती थीं।
तुर्की दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इस्तांबुल एयरपोर्ट इस क्षेत्र के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है। इसलिए इस देश में कोरोनावायरस के नहीं फैलने और उसका कोई मामला सामने नहीं आने के सरकार के दावों ने देश की जनता में कुछ संदेह पैदा कर दिया है।
तुर्की की ईरान से ज़मीनी सीमा मिलीत है, जहां अब तक 10,000 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 350 से अधिक लोगों की जान चली गई है।
वायरस की पहचान के लिए तुर्की देश में ही विकसित की गई टेस्ट किट का इस्तेमाल कर रहा है। इन किटों को सरकार द्वारा वित्त पोषित एक निजी कंपनी तैयार किया है। नेशनल वायरोलॉजी लैब ने भी तेज़ी से प्रतिक्रिया देने वाली किट के विकास में योगदान दिया है, जो सिर्फ़ 90 मिनट में रिज़ल्ट दे सकती है।
हालांकि मौजूदा पारंपरिक टेस्ट किट को रिज़ल्ट देने में चौबीस घंटे लग सकते हैं। तुर्की का दावा है कि उसका परीक्षण दुनिया का सबसे तेज़ और सबसे सटीक परीक्षण है। तुर्क स्वास्थ्य मंत्री ने कई बार यह भी उल्लेख किया कि टेस्ट किट्स को अमरीका सहित कई देशों को निर्यात किया गया है।
हालांकि अमरीका में अभी तक कोई ऐसी लैब या संस्था नहीं देखी गई है, जहां तुर्की द्वारा विकसित टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जा रहा हो, बल्कि अभी तक अमरीका में जितने भी कोरोना वायरस के टेस्ट किए गए हैं, उनके सैम्पल वाशिंगटन स्थित केन्द्रीय परीक्षण संस्था भेजे गए हैं।
अब तक तुर्की में 2,500 टेस्ट किए गए हैं। कोरोना के मामलों की पहचान नहीं होने से लोगों में आशंका भी बढ़ती जा रही है, इसलिए कि अगर टेस्ट का रिज़ल्ट निगेटिव आया है, तो उसे पॉज़िटिव साबित करने का उसके अलावा और कोई उपाय मौजूद नहीं है।
तुर्की एक गंभीर आर्थिक संकट से गुज़र रहा है और इसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन तथा राजस्व पर निर्भर करती है। अगर पर्यटक तुर्की की यात्रा करना बंद कर देते हैं, तो उसकी अर्थव्यवस्था बहुत तेज़ी से गिर सकती है। इसलिए कोरोना के मामलों पर पर्दा डालने की यह एक बड़ी वजह हो सकती है।
तुर्की में मीडिया पर प्रतिबंध, नागरिकों तक कोरोनोवायरस के बारे में विश्वसनीय जानकारी पहुंचने में भी एक बड़ी रुकावट हैं। पेशेवर पत्रकारों के लिए यह देश, दुनिया की सबसे बड़ी जेल बन चुका है, जहां सरकार सोशल मीडिया को सेंसर करने के अपने प्रयासों को जारी रखे हुए है।
तुर्क सरकार ने धमकी दी है कि जो लोग सोशल मीडिया पर या मीडिया में कोरोनावायरस के मामलों का पता लगाने के सरकार की शैली की आलोचना करेंगे, उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कोरोनावायरस से प्रभावित देशों के लिए 50 अरब डॉलर की सहायता की घोषणा की है। इसके बाद तुर्की में पहला कोरोना मामला सामने आने पर लोगों ने सोशल मीडिया पर बिल्कुल समय बर्बाद नहीं किया और उन्होंने मज़ाक़ उड़ाया कि यह इसलिए है, क्योंकि आईएमएफ़ ने कहा कि यह सहायता केवल प्रभावित देशों के लिए है।